Hindi shayri. Sad shayri


   हिंदुस्तान का मुस्लमान 
  • में हूं हिंदुस्तनी मुसलमान                                                                       
  • में जो हूं बस हूं यू तो ना इंसान हूं ना हैवान हूं में एक सच्चा मुसलमान हूं
यू तो में हूं मुसलान पर चंद लोगों की नजरों में बसा एक पाकिस्तान हूं
रहता हूं भारत में खाता हूं यह का गून भी गता हूं यह का                                     
  • पर चंद लोग कहते है की में पाकिस्तान हूं 
  • क्या गलती हैं मेरी जो मुझको मारा जाता है भारी महफ़िल में
शायद यही ना की में बस  मुसालमान हूं
कुछ लोगों ने मुझ पर रोटी  सेकी इसलिए कि की में एक मुसलमान हूं
  • ईद में मुस्लिम  दीवाली में हिन्दू 26 जनवरी को में देश भगत बन जाता हूं
  • ना जाने फिर भी क्यू में अतांको कहलाता है
ना जाने कितने मेरे अपनों के सिचा है इस जमीन को
पर फिर भी में बे ज़ुबान हूं 
  • मुझसे जड़ा तवाजो को यह एक जानवर को दी जाती
  • मुझको हर बार एक नए तरीके से सताया जाता है
         मेरा हिंदुस्तान 
मुझको कह कर पाकिस्तानी मेरे देश से ही भगाया जाता हैं      
एक शोर मचा है अवाम में  बुझाओगे केसे

जग चुका है हर हिंदुस्तानी
सुलाओगे केसे

हम आ चुके एक साथ
नफरत की आग हमरे
 बीच लागाओगे केसे                                                 

हम समझ चुके है तुम्हारी हर चाल
गुमराह बनाओगे केसे

यह हिन्दुस्तान है मेरे पूर्वज का हैं
हमको यह से भगाओगे कैसे

अगर यही चलता रहा इस सर जमी पर
तो वह पहले वाला भाई चरा निभाओगे केसे

आज तो तुम लोग एक दूसरे को काट
खाने को दौड़ते हो

फिर दीवाली और ईद पर
एक दूसरे को बुलाओगे केसे

तुम लोग तो मेरे ही भाई हो ना
तो फिर कल वापस मुझको मुंह देखोगे केसे


                                                 मोहब्बत
       . मोहब्बत करने वालो मोहब्बत की कसम भी  कहते हो
      .और मोहब्बत करने वालो पर जुल्म भीढाते हो
          क्या हुआ  है जहां वालो को                                                                   
          तुम हो मोहब्बत की नाम पर               
          लोगों का खून बहाते हो
          फिर सच्ची मोहब्बत की गीत गते ह और के

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