Hindi shayari,
कई साल से कुछ ख़बर ही नहीं,
कहाँ दिन गुज़ारा कहाँ रात की।
🥺🥺
नज़र में ज़ख़्म-ए-तबस्सुम छुपा छुपा के मिला,
खफा तो था वो मगर मुझ से मुस्कुरा के मिला।
🥺🥺🙄
जिन के आंगन में अमीरी का शजर लगता है,
उन का हर एब भी जमानें को हुनर लगता है।
दिल की दहलीज पर यादों के दिए रखें हैं
आज तक हम ने ये दरवाजे खुले रखे हैं।
❤️❤️
दिन की रोशनी ख्वाबों को सजाने में गुजर गई,
रात की नींद बच्चे को सुलाने मे गुजर गई,
जिस घर मे मेरे नाम की तखती भी नहीं,
सारी उमर उस घर को बनाने में गुजर गई
😒😒।
फूल इसलिये अच्छे कि खुश्बू का पैगाम देते हैं,
कांटे इसलिये अच्छे कि दामन थाम लेते हैं,
दोस्त इसलिये अच्छे कि वो मुझ पर जान देते हैं,
और दुश्मनों को मैं कैसे खराब कह दूं...
वो ही तो हैं जो महफिल में मेरा नाम लेते हैं।
❤️❤️🥺
सरे बाज़ार निकलूं तो आवारगी की तोहमत,🥺
तन्हाई में बैठूं तो इल्जाम-ए-मोहब्बत।
😭😭😭
कुछ दर्द कुछ नमी कुछ बातें जुदाई की,
गुजर गया ख्यालों से तेरी याद का मौसम।
🥺🥺
जमाने भर की रुसवाईयाँ और बेचैन रातें,
ऐ दिल कुछ तो बता ये माजरा क्या है।
🥺🥺❤️
एक आँसू बोल पड़ा,किस की खातिर इतना रोते हो
क्या गम है तुझकों,कि सारी रात जागते रहते हो
किसी बात की फिक्र हैं तुम्हें,क्यों इतना डरते हो
क्यों तन्हा,क्यों बेचैन,क्यों इतना खामोश रहते हो
हो कोई गम तो बांट लो मुझसे,अपना दोस्त समझ कर
क्यों इस रंगीन दुनियां में तुम,यूँ सुने सुने से रहते हो
रखते हो सबकों खुश,फिर क्यों ख़ुद दुःखी रहते हो
ऐसी क्या बात लगी है दिल पर,जो ख़ुद तन्हा सहते हो
Said Shayari
क्या कहूँ ए आँसू, अब सब कुछ गवारा लगता है
जो सब था कभी अपना, अब सब पराया लगता है
दिखावे की हे ये दुनियां, यहां सब फ़रेब के रिश्ते है
जो रोशन करता है सबकों, उसी से ये लोग जलते है
कर बैठा मैं भी ये गुनाह, सबकों खुशियां बांट दी
मैंने तो अपनी ज़िंदगी, इन्ही की खुशियों में काट दी...
जो आप पर आँख बंद करके विश्वाश करता है
उसको कभी धोखे में मत रखो !
कुछ नहीं है हारने को-- लेकिन-----
SMILE काफी है हराने को !!
🦚 किसी ने पूछा कि इस दुनिया में आपका अपना कौन है..???
ग्यानी व्यक्ति ने हंसकर कहा: 'समय'⏰
अगर वो सही है, तो सभी अपने हैं, वरना
कोई भी नहीं और कुछ भी नहीं ।।🦚
आप का ख़्याल और मेरा हाल..!!
समझ लीजिये बस बेमिसाल....!
आज आयी जो बारिश,
तो याद आया वो जमाना......
तेरा छत पे रहना, और मेरा सड़कों पर नहाना....
लोग ...दूरियां बना के... ज़िंदा है आजकल,
यहां हर कोई ....तेरी मेरी.... नकल कर रहा है ....!!
सोचा था कि इस कदर आपको भूल जाऐंगे।
देखकर भी अनदेखा कर जाएगें
लेकिन जब जब आया चेहरा आपका सामनें
सोचा कि इस बार देख ले अगली बार भूल जाएंगे ।।
“ए पलक तु बन्द हो जा, ख्बाबों में उसकी सूरत तो नजर आयेगी इन्तजार तो सुबह दुबारा शुरू होगी कम से कम रात तो खुशी से कट जायेगी ”
दर्द बेहद है दवा कोई नही मेरे पास मेरे आसू
के सिवा कोई नही बद्दुआ हज़ार पर
दुआ कोई नही अपने तो लगे बहुत
अपना हुआ कोई नही आज भी ख्वाबो ख्याल मे
उसके अलावा कोई नही
तेरे नाम के ऊपर लगा हुआ 🌙चंद्र बिन्दु अब समझ गया हूँ माँ..
🌙चंद्र से तेरी गोद मे बिंदु सा लेटा हुआ हूँ मै..
मुस्करा देती थी वो मेरा नाम सुनकर,💝
इतनी दूर तक गया था रिश्ता हमारा.😢
उनकी आँखों 😍 में लगा है सुरमा ऐसे जैसे
चाकू पर लगायी हो धार किसी ने. 😘
!! सदाबहार हैं ख्वाब तुम्हारे...
ना कोई बसंत न कोई पतझड़..!!
न जाने खा गया कितनी मोहब्बतों का नसीब
वो एक सवाल कि "दामाद" क्या कमाता है ....
लंबी बातों से मुझे कोई मतलब नहीं है,
मुझे तो उनका ‘जी‘ कहना भी कमाल लगता है..
उस रोज़ जब नजर उससे मिली..!!!
.ना कयामत ना शिकायत सीधे मोहब्बत हुई.!!!
नाराज़ होकर भी , बात करने का मन...
ये दिल के सिलसिले है ,समझ से परे..सुनो ना....
हम रूठ कर लाख बार बोलेगें तुमसे के हमे तुमसे बात नहीं करनी....
पर तुम तब भी प्यार से मना कर हमसे बात करती रहोगी क्या....
मुझको शुगर का मर्ज़ है तो ये पत्थर किस लिए
मुझको रसगुल्ले से भी मारोगे तो मैं मर जाऊंगा।
और एक हम है कि झूठ पर झूठ बोले जा रहे।
मोतीयो की तरह बिखर गए वो आँसू ,
जो सिर्फ़ प्याज़ काटते वक़्त निकला करते थे।
नफरत भी नहीं है गुस्सा भी नहीं हूँ,
और तेरी जिंदगी का अब हिस्सा भी नहीं हूँ !
कई साल से कुछ ख़बर ही नहीं,
कहाँ दिन गुज़ारा कहाँ रात की।
🥺🥺
नज़र में ज़ख़्म-ए-तबस्सुम छुपा छुपा के मिला,
खफा तो था वो मगर मुझ से मुस्कुरा के मिला।
जिन के आंगन में अमीरी का शजर लगता है,
उन का हर एब भी जमानें को हुनर लगता है।
❤️❤️
दिल की दहलीज पर यादों के दिए रखें हैं
आज तक हम ने ये दरवाजे खुले रखे हैं।
दिन की रोशनी ख्वाबों को सजाने में गुजर गई,
रात की नींद बच्चे को सुलाने मे गुजर गई,
जिस घर मे मेरे नाम की तखती भी नहीं,
सारी उमर उस घर को बनाने में गुजर गई
फूल इसलिये अच्छे कि खुश्बू का पैगाम देते हैं,
कांटे इसलिये अच्छे कि दामन थाम लेते हैं,
दोस्त इसलिये अच्छे कि वो मुझ पर जान देते हैं,
और दुश्मनों को मैं कैसे खराब कह दूं...
वो ही तो हैं जो महफिल में मेरा नाम लेते हैं।
❤️❤️🥺
सरे बाज़ार निकलूं तो आवारगी की तोहमत,🥺
तन्हाई में बैठूं तो इल्जाम-ए-मोहब्बत।
😭😭😭
कुछ दर्द कुछ नमी कुछ बातें जुदाई की,
गुजर गया ख्यालों से तेरी याद का मौसम।
🥺🥺
जमाने भर की रुसवाईयाँ और बेचैन रातें,
ऐ दिल कुछ तो बता ये माजरा क्या है।
🥺🥺❤️
कुछ कमी रह गयी है शायद मेरी रुसवाइयों में,
तुझसे से फिर मैं दिल लगाना चाहता हूँ।😍😍
जो आप पर आँख बंद करके विश्वाश करता
है उसको कभी धोखे में मत रखो !
कुछ नहीं है हारने को.-- लेकिन-----
SMILE काफी है हराने को !!
आप का ख़्याल और मेरा हाल..!!
समझ लीजिये बस बेमिसाल....!
आज आयी जो बारिश,
तो याद आया वो जमाना......
तेरा छत पे रहना,
और मेरा सड़कों पर नहाना....
लोग ...दूरियां बना के... ज़िंदा है आजकल,
यहां हर कोई ....तेरी मेरी.... नकल कर रहा है ....!!
सोचा था कि इस कदर आपको भूल जाऐंगे।
देखकर भी अनदेखा कर जाएगें
लेकिन जब जब आया चेहरा आपका सामनें
सोचा कि इस बार देख ले अगली बार भूल जाएंगे ।।
मैं उसे किस तरह कह दू ,की मुझे इश्क़ है
तुम से,जानती हूं मैं के वो मेहबूब किसका है,
तुम से,जानती हूं मैं के वो मेहबूब किसका है,
सभी कहते है कि उसको भूलना है आसान लेकिन
,मैं उसे भूल जाऊ इतना दिल मजबूत किसका है......
,मैं उसे भूल जाऊ इतना दिल मजबूत किसका है......
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