Hindi shayari
तुम और में थे प्यार की एक ही राह पर फर्क सिर्फ इतना तू मेरी मंजिल अभी अधूरी
ओर तुम मंजिल के उस पार हो
धड़कनों, खुद पर काबू रखना
जब उनसे मुलाकात हो...,
तुम्हारी रफ्तार मेरी बेकरारी का
सबूत ना दे दे कहीं !!
तेरी सिर्फ एक झलक ने खरीद लिया हमें..
बहुत गुमान था हमें कि हम बिकने वालों में से नहीं हैं
ज़िन्दगी खूबसुरत है
पर तुझे जीना नहीं आता
हर चीज में नशा है
पर तुझे पिना नहीं आता
हैसियत का क़भी....गुमान न करो...यारो....
उड़ान ज़मीन से ही शुरू.....
और ज़मीन पे ही ख़त्म होतीं हैं
वह आ गाए मिलने हमसे एक शाम तन्हाइयो को मिटाने
और हम समझ बैठे याह दुआओं का असर हैं
मुझे "परखने" में पूरी ज़िंदगी लगा दी उसने
काश कुछ वक्त "समझने" में लगाया होता.
में वह किताब हूं जिसे पढ़ पाना
हर किसी के बस की बात नहीं
पर जिसने एक बार पढ़ लिया
भूलना उसके बस की बात नहीं
दिल तो क्या
हम तेरी रुह में उतर गये होते।
पर तुमने चाहा ही नही,,
चाहने वालों की तरह।।
तेरी कातिल नज़रों से जो टकराया होगा,
मुझे नहीं लगता वो अब तक घर पहुँच पाया होगा...
पंखुडियाँ खोलकर कमल का खिलखिलाना
वैसे घूँघट की आड़ से तेरा लाजवाब मुस्कुराना
बहुत कातिलाना अंदाज हुआ करता है उनका
हमसे नज़रे क्या टकराई अंदाज ही भूल गए अपना
ज़िन्दगी में कौन आएगा याह किस्मत बताती हैं
ज़िन्दगी में को ठहरेगा ये आपका स्वभव बताता है
ज़िन्दगी में जिन्दगी भर कौन साथ देगा याह वक़्त बताता है
छोटा था तो तिल के लड्डू पर मरता था।
बडा हुआ तो उसके तिल पर मर बैठा।
लगता है मेरी_नींद का किसी के साथ चक्कर
चल रहा है...
साली सारी रात गायब रहती है..!!
कहना ही पड़ा उसे शायरी पढ़ कर हमारी
कि
कंबख्त की हर बात मोहब्बत से भरी होती हैं
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लोग आज भी तेरे बारे में पूछतें हैं ,
कहा हैं वह मैं बस दिल परहाथ रख देता हू ..
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आंखें पढ़ो, और जानो हमारी
रज़ा क्या है. .
हर बात लफ़्ज़ों से बयान हो,
तो मज़ा क्या है.
जरूरी नही हर गिफ्ट कोई
चीज ही हो...
प्यार, परवाह, रिस्पेक्ट भी
बहुत अच्छे गिफ्ट है,
कभी किसी को देकर तो देखे...!
चल आ तेरे पैरो पर मरहम लगा दू ए-मुक्कदर,
कुछ चोट तो तुझे भी आई होगी,
मेरे सपनो को ठोकर मार कर
शब्दों के इत्तेफाक़ में
यूँ बदलाव करके देख...
तू देख कर न मुस्कुरा
बस मुस्कुरा के देख...😊
मैं उस किताब का आख़िरी पन्ना था...🌹
मैं ना होता तो कहानी ख़त्म न होती...!!
इन अंधेरों में जीना अच्छा लगता है
तेरी यादों में रहना भी अच्छा लगता है
माना के छोड़ के चली गई है तू मुझे
लेकिन तुजपे हर बार मर मिट जाने को
दिल करता है....
हर एक इंसान कीदो कहानियाँ" होती है
एक वो जो सबको सुनाता है एक जो वो सबसे छुपात है
खाकी रंग भी किस्मत वालों को मिलता है जनाब
लोग खाकी कपड़े पहन कर दिल भर के देश की सेवा करते हैं
हमको अब हसरत नहीं किसी को पाने की
बस चाहत है अब मौहब्बत नाम को भूल जाने की
रास्ता है सुना चले जा रहे हैं
मंज़िल का पाता नहीं फिर भी मेरे जा रहे है
लेे कर नाम सात जन्मों का जिस्म से खिलते का रहे हैं।
करते हैं गुन्हा जन बुझ कर और ऊपर वाले से डरे जा रहे हैं
एक अदा आपके दिल चुरानेट्ट की
एक अदा आपके दिल में बस जाने की
चहरा आपका चांद सा
और एक हसरत हमरी उस चांद को पाने की
अपने दिल को चिंगारियों से जला कर देख
जुबा को धड़कनों से साजा के देख
हो जायेगा तुझे भी उनसे इश्क़
अपनी नज़रों को उनको नज़रों से मिला कर देख
कभी तो आसमान से चाँद उतरे जाम हो जाए,
तुम्हारे नाम की एक ख़ूबसूरत शाम हो जाए।
मैं झुका गया तो वह सजदा समझ बैठे
मैं तो इंसानियत निभा रहा था
वो खुद को ख़ुदा समझ बैठे
सारी उम्र..
यूँ ही गुजर गई..
रिश्तों की तुरपाई में..
कुछ रिश्ते पक्के निकले..
बाक़ी उधड़ गए..
कच्ची सिलाई में..
एंलन मेरी मौत का हुआ
तो उसने भी कहा दिया
अच्छा हुआ मर गया
हर वक़्त उदास रहता था
हर जख्म का इलाज दवा नहीं होती दोस्त
बांटने से दर्द कम होते तो
कविताओं पर आंसू नहीं निकलते किसी के
बेमतलब बेफिजूल
बेकार नहीं है
ये नये दौर के रिश्ते हैं
बस वफादार ही नहीं है
यहाँ जीना है तो नींद में भी पैर हिलाते रहिये...
वर्ना दफ़न कर देगा ये शहर मुर्दा समझकर...
तेरे सिवा हम किसी ........
और के कैसे हो सकते हैं....
तू खुद ही सोच के बता.......
तेरे जैसा कोई और है क्या!!
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