खेलना अच्छा नहीं किसी के नाज़ुक दिल से
दर्द जान जाओगे जब कोई खेलेगा तुम्हारे दिल से।
टूटे हुए दिल भी धड़कते है उम्र भर,
चाहे किसी की याद में या फिर किसी फ़रियाद में।
गलत सुना था कि मोहब्बत आँखों से होती है,
दिल तो वो भी चुरा लेते हैं जो पलकें नहीं उठाते।
कैसे भुला पाएगा वो मेरी बरसौ की चाहत को,
दरिया अगर सूख भी जाए तो रेत से नामी नही जाती..!
पढ़ रहा हूँ मै इश्क़ की किताब ऐ दोस्तों.
ग़र बन गया वकील तो बेवफाओं की खैर नही।
शायर से तुम उसके राज न पूछो ,,
कल खुद ही लिख देगा बस तुम आज न पूछो।
मिल रही है रिश्वत उन्हें मुझे से दिल लगाने की,
चल रही है शाजिशे उनकी मुझे दफनाने की..
बात सिफ॔ तुम्हारी थी "वरना....... मोहब्बत तो..!
बहुत लोग करते हैं हमसे ..❤
कभी तो पूछ लो हाल मेरा ,ख्वाहिश नहीं तो
ख्याल मेरा और जवाब तो हर वक्त तैयार रखते हो,
कभी तो पूछ लो सवाल मेरा। कहा जाएंगे हम तुझे छोड़ कर..
तेरे बिना रात नही गुजरती जिंदगी क्या गुजरेगी ..
मिलानी हो आंखों से आंखें,तो मुलाकात जरूरी है...!
भले ही नाराजगी कुछ पल की हो, दूर करने के लिए
बात जरूरी है ...!
{ फ़ाड़ दी मैने आज वो किताब}
जिसमे लिखा था कि अगर इश्क़ सचा हो तो मिलता जरुर है
जब हुई थी मोहब्बत तो लगा किसी अच्छे काम का है सिला,
खबर न थी के गुनाहों कि सजा ऐसे भी मिलती है....!!!
कैसे करूं मुकदमा उस पर उसकी बेवफाई का,
कमबख्त ये दिल भी उसी का वकील निकला…
{ तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है,}
जिसका रास्ता बहुत खराब है, मेरे ज़ख़्म
का अंदाज़ा ना लगा, दिल का हर पन्ना दर्द
की किताब है.!
काश बनाने वाले ने दिल कांच के बनाये होते,
तोड़ने वाले के हाथ में ज़ख्म तो आये होते..!
{मेरी आँखो ने पकड़ा है,}
उन्हे कई बार रंगे हाथ, वो इश्क करना तो चाहते है ,
मगर घबराते बहुत हैं !! मजबूरिया थी उनकी...
और जुदा हम हुए, तब भी कहते है वो…कि बेवफ़ा हम हुए!
[मुझे सुलाने के खातिर जब रात आती है]
हम सो नही पाते रात खुद सो जाती है,
पूछने पे दिल से ये आवाज़ आती है,
आज दोस्त को याद कर ले रात तो रोज
आती है..!!
चिराग कोई जलाओ की हो वजूद का एहसास,
इन अँधेरों में मेरा साया भी छोड़ गया मुझको..!
कितने मसरूफ़ हैं हम जिंदगी की कशमकश में,
इबादत भी जल्दी में करते हैं फिर से गुनाह करने के लिए.!
,हम सोचते रह गये,नफरत करेंगे भले ही थोड़ी सी..
और नादाँ दिल सरेआम उनसे प्यार करता गया,
ले कर हाथों में हाथ क्यों ना उम्र भर का हम सौदा कर लें,
थोड़ी सी मुहब्बत तुम कर लो, थोड़ी सी मुहब्बत हम कर लें।
खफा होना, इतराना, फिर लिपट जाना..!
तीनो ही रंगों में बहुत जंचती हो तुम..!!
कभी हार मत मानो क्या पता आपकी अगली शुरुआत
में ही आपको जीवन की सबसे बड़ी सफलता मिल जाये.
❤
वो अनजान चला है,, जन्नत को पाऩे के खातिर..
बेखबर को इत्तला कर दो,,कि माँ-बाप घर पर ही है...
उन का ज़िक्र उन की तमन्ना उन की याद.
वक़्त कितना कीमती है आज कल...😊❣️
ये ज़रूरी नहीं है की हर बात पर तुम मेरा कहा मानो,
दहलीज पर रख दी है चाहत और अब आगे तुम जानो।
Jab jab muje laga me tere liye khaas hu
Jab jab muje laga me tere liye khaas hu
Teri berukhi ne samja dia me juthi aans me hu
हाँथ अगर "थामों" तो ज़िन्दगी भर "साथ" देना,
कुछ पल के "साथी" तो जनाज़े में भी "मिल" जाते हैं।
{बहरे रजज़ मुस्समन सालिम }
यादों सहारे दिल धड़कता है मिरा जाँ-ए-ज़िगर
कह दो हवाओ से कि अब उसकी जरूरत ही नही
{तुम दूर गये मजबूरी मे}
और हम टूट गये इस दुरी मे♥
लेकर के मेरा नाम मुझे कोसता तो है,
नफरत ही सही, पर वह मुझे सोचता तो है.!
उसे बोल दो कि मेरे ख्वाबों में ना आया करे,
रोज आँख खुलती है और दिल टुट जाता है..!!
💕
जो न मानो तो फिर तोल लेना तराजू के पलड़ों पर,
तुम्हारे हुस्न से कई ज्यादा मेरा इश्क भारी है..!
मोहब्बत भीख है शायद, बड़ी मुश्किल से मिलती है.!
एक तरफ एक क़ातिल है,एक तरफ एक हसीना,
मै क़ातिल की तरफ गया,सोचकर की वो एक ही बार मौत देगा.
{शायरी मेरा शौक नहीं} ये तो मोहोब्बत की कुछ सज़ाएं है.!
कोशिश बहुत की, राज़-ए-मुहब्बत बयाँ न हो,
मुमकिन कहाँ था, आग लगे और धुआँ न हो.!
तेरे ही अक्स को तेरा दुश्मन बना दिया
आईने ने मज़ाक़ में सौतन बना दिया.!
💗
टुकड़े पड़े थे राह में किसी हसीना की तस्वीर के,
लगता है कोई दीवाना आज समझदार हो गया है.!
घर से तो निकले थे हम ख़ुशी की ही तलाश में,
किस्मत ने ताउम्र का हमैं मुसाफिर बना दिया......!!!
🏩
क्या करें कल की खुशियों का
हम क्या करें आज के ग़म का
आशु जानते है कौन अपना है,
तभी अपनो के आगे निकलते है..!
💕
मुस्कुराहटों का क्या ये तो गैरो से भी वफ़ा कर लेते है...!
सब कुछ झूठ है लेकिन फिर भी बिलकुल सच्चा लगता है ।
जानबूझकर धोखा खाना कितना अच्छा लगता है ।
यूं तो हम ने घूम लिया सारा शहर,
लेकिन तेरी गली की बात ही कुछ और है;
🏩
बरस जाने दो ,अब ये सहन नही होता
नमी को रखना सहज नही होता
माना इन अश्को में तेरी यादें बसी है
मगर इन आंसुओ का बोझ कम नही होता।
कुछ उदास रहे तो टेलीग्राम पे आ जाना
शायराना अंदाज हो तो यहां पे शायरी कर लेना
🏩
पल में हसा दे, पल में रुला दे जिंदगी जीने का मजा
वो मजे से ना लेने दे । एक पल कह दे की जिंदगी हो,
दूसरे पल मौत से बुरी सजा दे । यू ही जिंदगी जीने का
मजा भी वो मजे से ना लेने दे
तुझे भुलाना इतना दर्दभरा नहीं होता,
गर तू जमीं से आसमां में ना जाता ।
प्यार को न जाने धोखा क्यू कहते है ,
जो प्यार में जान गवाए , वो हमराही क्यू बनते नहीं है ।
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