Hindi shayari

HINDI SHAYARI


 भूल ना पाया तुझे ना कभी भुलाया पाऊंगा
उम्र भर का वादा था रिश्ता
 निभाने का तेरे बिना भी उम्र भर निभाउंगा ।
चाहत जिस्म की होती तो बाजार से भी खरीद                       सकते थे
लेकिन मोहब्बत तेरी रूह से थी इसलिए आज भी इंतज़ार है
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वक़्त का खेल है बदलने दो
थोड़ा हमे अभी और संभलने दो

जीवन के यादों के किताब में,
एक और पन्ना जूङने को है,
साथ रहा जो पुरे साल वो,
साल अब विदा होने को है।
भला था, बुरा था,जैसा भी था,
पुरे साल का साथ था,
माना विपदा बहुत रहा पर,
ये साल भी कुछ खास था।
जाओ इक्कीस , कैद रहोगे
यादों के गलियारों में,
अक्सर तेरी बातें होगी
शिकवे में , फरियादों में ।
कैसे भूला पाएंगे तुमको,
तुम भी जीवन का हिस्सा हो,
बीते दिनों के यादों का
तुम भी एक अमिट किस्सा हो।

.निगाहें हर तरफ तुम्हें...
ढूंढने लगी हैं..
कहाँ छिप गये हो तुम...
धड़कने ये पूछने लगी हैं...
नज़रों से देखो तो
आबाद हम हैं ,
दिल से देखो तो बर्बाद हम हैं....
जीवन का हर लम्हा दर्द से
भर गया ,
फिर कैसे कह दें आजाद हम हैं
वो मेरी तारीफ़ का अब
मोहताज नहीं ,
वो चेहरा तो ख़ुद ही एक
मिसाल हुआ...
मैं अपनी तन्हाई से शायद
आजिज़ था ,
इस आहट का वर्ना कैसे
ख़्याल हुआ...
वो शमा की महफ़िल ही क्या ,
जिसमें दिल खाक ना हो...
मज़ा तो तब है चाहत का ,
जब दिल जले पर राख ना हो
ज्यादा कुछ सोचा नहीं
कह दिया तो कह दिया ,
हमने तुमको ज़िन्दगी
कह दिया तो कह दिया....
बाद ये दिल कहीं लगना है मुश्किल ,
शौक हो तुम
आखिरी कह दिया तो कह दिया

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मिलो कभी चाय पर फिर क़िस्से बुनेंगे..
तुम ख़ामोशी से कहना हम चुपके से सुनेंगे। 

ये इश्क ही तो है हमारा चाय से ,
वरना खौलती हुई चीज आखिर कौन लबो से चूमता हैं

फिर मुस्कुराकर इस ,दिल पर वार करो
मेरी जां इश्क भी होगा,जरा इंतजार करो

भरी व्यस्तता में दिल नही लगा करते है....
मेरी जां आशिकी का ये दिन इतवार करो

फिर हम सबने भी दिल लगाकर यही जाना है
जो घर लाने की हो हिम्मत,तो फिर प्यार करो

तुम्हे तो शोहरतों से मोहब्बत थी करनी
अब कौन कहता है की,मुझसे एतबार करो,

डर गए तुम तो बाजी,किसी गैर की हाथों में,
रखकर हाथ दिल पर जाके उससे इजहार करो

इश्क का नियम भी कहता है तुमसे तिवारी जी,
जिंदगी एक ही है दिल खोल कर तुम प्यार करो
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जाते जाते उनके आखिरी अल्फाज़ यही थे..
की..
जी सको तो जी लेना वरना मर जाओ तो बेहतर है

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राम तेरे मन मंदिर का मुझे बना पुजारी रे
तन मन सब कर दू अर्पण
बनना केवट अधिकारी रे
तन का नहीं हूं मै मन का सन्यासी रे
शबरी के बेर लाया हूं खा ले वनवासी रे
राम नाम के सुमिरन एसी धुन लगाऊ मै
बोले तो हर गली गली फूलों से सजाऊ मै
पत्थर बनी अहिल्या हूं तुम कब पैर छूआओगे
शबरी सम राह देखता कब तुम आओगे
मैं राह ताकता हूं बनके राही रे
हे अविनाशी तुम आना बनके हमराही रे।

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मरने के बाद उफ़ वो भी कैसे कैसे नजारे होंगे,
          कुछ लोग जबरदस्त रो रहे होंगे,
        तो कुछ लोग जबरदस्ती रो रहे होंगे।

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नज़रिया बदल के देख, हर तरफ नज़राने मिलेंगे
ऐ ज़िन्दगी यहाँ तेरी तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे

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मैं जानता हूँ के एक दौर वो भी आएगा ...

मैं लड़का अच्छा नही हूँ तुम्हें हर कोई समझाएगा

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ठान लिया था कि अब और नहीं पियेगें चाय उनके

हाथ की पर उन्हें देखा और लब बग़ावत कर बैठे🥀

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मिलावट का दौर है साहिब
हां में हां मिला दिया करो..“संबंध” लम्बे समय तक टिकेंगे

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मंज़िल-ए-मोहब्बत तक का ये सफ़र आशिक़ाना है ।

गर साथ तुम हो तो ये मौसम-ए-इश्क़ भी क़ातिलाना है ।।

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फिर तुम्हारी जिंदगी से ऐसे जा रहा हूं मैं
तुमसे बिछड़ कर भी देखो, मुस्कुरा रहा हूं मैं

दोस्त पूछते है,यार क्यों गुमसुम सा रहता तू
और सब बेहतर है,फिर सबको बता रहा हूं मैं

तेरे जाने से खास कुछ नही टूटा अब शायद,
हा वो एक धोखा था दिल को समझा रहा हूं मैं

वो तुमने चंद खुशियों की दी थी बक्शीश जो,
फिर अब सामने आ अभी लौटा रहा हूं मैं

कौन जाने क्यों टूटा दिल तिवारी तुम्हारा,
है जितनी भी खुशियां सारी लूटा रहा हूं मैं,

एक वही गजलें जो तेरी याद बनकर रह गई,
हा वहीं गजल महफिल में गुनगुना रहा हूं मैं

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न जाने गाँव के पनघट पे
कौन आया था
अभी तक तालाब का
पत्थर महकता है

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किसी के दर्दों को अहसास करके देखो
है नही यकीन तो मुझे पास करके देखो

मर जायेगा ये दिल अंदर से तुम्हारा भी,
नही होता यकीन तो मुझे याद करके देखो

हमने यादों का एक घर है कही बना रखा,
मिले तुम्हे फुरसत तो फिर निगाह करके देखो,

कैसी गुजरती है मेरी ये रातें यूं तुम बिन यारा,
कभी मेरी जगह रहकर, बर्दास्त करके देखो

तुम पूछते हो आंसू ये आखों से क्यों निकले,
तुम भी किसी दिन मेरे लिए कुछ आह भर के देखो

मर जाता है सच्चा आशिक इश्क के इस मसले में,
नही होता यकीन तो फिर इंतजार करके देखो

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तुम्हे दिल में रहना या नजरों के नीचे,
कही भी रहो अब जबरदस्ती क्या है..!

जिसने टूटकर नही लिखे दर्द अपने,
वो क्या जाने शायरों की मस्ती क्या है,

जिसका प्रेम संकट में जो विलाप करे,
आप क्या समझेंगे,दिल पे गुजरती क्या है

जिसके साथ हो,उसका हाथ संभाले सब
उसके आगे भी किसी की चलती क्या है

तुम्हे देखकर भी हमने कोई जवाब न दिया,
अब मेरी जान तुम देखो मेरी सख्ती क्या है
फिर ख्यालात जिनके भी ऐसे हो रहे है
आप जैसे है, हम बिल्कुल वैसे हो रहे है

अपने लाभ में दूसरों की कौन फिक्र करे
फिर कहते,यहां लोग कैसे कैसे हो रहे है

आपसे उम्मीद ना थी दिल दुखाने की,
ये दुनिया वाले भी अब तेरे जैसे हो रहे है,

तुमने पूछा,है पत्थर दिल का लड़का कौन,
ये सारे लड़के क्यों मुझ जैसे हो रहे है..!

तुम्हारे छुए फूल में जान हो जाती थी जहां,
फिर अब वहां काटें भी पहले जैसे हो रहे हैं

हा काम चल जाता है क्या उसके बिना,
चल रहे थे काम जो अब ऐसे वैसे हो रहे है..!

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तेरी आँखों के लिए इतनी सज़ा काफ़ी है
आज की रात मुझे ख़्वाब में रोता हुआ देख

बड़ा गुरूर था तुझे अपनी हस्ती पर
इश्क़ में ख़ुद को मुझ में घुलता हुआ देख

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क्या जाल बुन दिया
तेरी नज़रें कमाल ने

उलझा के दिल रख दिया
तेरे ख़्याल ने

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अजब रिश्ते का अनुभव जिन्दगी में अपनों से मिला
ना नफरत की वजह मिली ना मोहब्बत का सिला मिला
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होंठ पे लिए हुए दिल की बात हम
जागते रहेंगे और कितनी रात हम
मुख़्तसर सी बात है
तुमसे प्यार है
तुम्हारा इंतज़ार है

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